भेड़पालकों को बचाने के लिए 20 सदस्यीय दल बातल और चंद्रताल हुआ रवाना

भेड़पालकों को बचाने के लिए 20 सदस्यीय दल बातल और चंद्रताल हुआ रवाना

केलांग/रोहतांग (लाहौल-स्पीति)। बेमौसमी बर्फबारी, बारिश, बाढ़ और भूस्खलन आम लोगों के साथ-साथ भेड़ पालकों के लिए भी मुसीबत बन गई है। लाहौल के चंद्रताल, छतड़ू और बातल चारागाह में फंसे भेड़पालकों को रेस्क्यू करने के लिए मंगलवार सुबह तड़के कोकसर से 20 सदस्यीय दल रवाना हुआ। बताया जा रहा है कि भेड़पालकों के साथ करीब 3,000 भेड़-बकरियां बेमौसमी बर्फबारी के कारण फंस गई हैं।

उपायुक्त लाहौल-स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि 60 से 70 भेड़पालकों की करीब 3,000 के करीब भेड़-बकरियों के ऊंची चारागाहों में फंसे होने की सूचना मिली है। यह संख्या अधिक भी हो सकती है। ऐसे में अब इन भेड़पालकों को भोजन सामग्री, पानी और जरूरी दवाइयों की समस्या हो रही है। ऐसे में बचाव एवं राहत कार्यों के लिए केलांग से 20 सदस्यीय टीम को रवाना किया गया है।

मंगलवार को कोकसर से आगे डोहरनी मोड़ से पैदल छतड़ू, बातल और चंद्रताल की ऊंची चारागाहों में भेड़पालकों के ठिकानों की ओर रवाना हुई है। रेस्क्यू टीम काे अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान उपकेंद्र जिस्पा के प्रभारी इंस्ट्रक्टर मोहन कुमार व प्रशिक्षक सोनम के नतृत्व में है। टीम पल-पल की खबर सेटेलाइट फोन के माध्यम से जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कंट्रोल रूम में जानकारी देगी।

उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि इस मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर 60 से 70 जगहों के करीब भूस्खलन हुआ है और बीआरओ की टीम सड़क को खोलने में लगी है।

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